
भारत में कुछ शूटिंग सिर्फ मुंबई के फिल्मसिटी में ही मुमकिन, एफडब्लूआइसीई के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश में बन रही फिल्मसिटी पर रखा अपना पक्ष
मुंबई. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआइसीई) के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव संजू भाई ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में बन रही फिल्म सिटी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हमें लगता है कि नोएडा में फ़िल्म सिटी बनने से फ़िल्म इंडस्ट्री को फ़ायदा होगा।
बेहतर ऑप्शन ये था कि पूर्वांचल में बनता स्टूडियो…
वे कहते हैं कि हाल फ़िलहाल की बात करें तो लखनऊ में आप जाकर देखें वहां भी बड़ी-बड़ी फिल्मों की शूटिंग चल रही है, क्योंकि आज वहां की सरकार दो से ढाई करोड़ तक की सब्सिडी दे रही है। आज कोई भी प्रोड्यूसर फ़िल्म बनाता है तो शुरू से ही सुविधा की तलाश रहती है कि हम कहां पर सूट करें, जहां हमें सस्ता हो। मगर सरकार के लिए बेहतर ऑप्शन ये था कि सरकार पूर्वांचल में फ़िल्म सिटी स्टूडियो बनाती। इसके लिए फेडरेशन के पदाधिकारियों से उत्तर प्रदेश सरकार ने सोनभद्र में फिल्मसिटी स्टूडियो बनाने का एक प्रस्ताव भी लिया था, लेकिन अंत में नोएडा में फिल्मसिटी बनाने पर सहमति बनी।

यूपी सरकार दिखा रही भागीदारी…
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए फेडरेशन के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव संजू भाई कहते हैं कि अब ऐसा हो गया है, जहां सुविधाएं मिलेंगी, वहीं काम होगा। यूपी सरकार इतनी भागीदारी दिखा रही है। मुंबई आकर लोगों से मिलना और इस पर चर्चा करना। कई बड़े-बड़े कलाकार अक्षय कुमार, अजय देवगन, शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान ने भी उत्तर प्रदेश जाकर शूट किया है। सबको सुविधा मिल रही है, तभी तो सब वहां शूटिंग करने जा रहे हैं। मगर कुछ शूटिंग मुंबई के फिल्मसिटी में ही संभव हैं।
महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर सवाल : बीएन तिवारी…
महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर बीएन तिवारी कहते हैं कि हमने सरकार से कितनी बार बात की, लेकिन उसके बाद भी कोई सुविधा नहीं मिली। कोरोना काल में लोगों का काम बंद था, हमने कितने पत्र लिखे, बात करने की कोशिश की कि सरकार मुआवज़ा दे मजदूरों को, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। कोई सुनवाई नहीं हुई।एफडब्लूआइसीई के पदाधिकारियों ने कहा है कि मुंबई के फिल्मसिटी में कई सुधार की जरूरत है। कई पुराने सेट जर्जर होते जा रहे हैं। यहां लोकल गुंडों का आतंक बढ़ता जा रहा है। देर रात को शूटिंग खत्म कर घर लौटते समय वर्करों को आवागमन की सुविधा नहीं मिलती। सरकार इस ओर ध्यान दे।